5 Best Famous Akbar & Birbal Moral Stories for Kids-Children

 1. The Farmer Who Bought a Well

Once upon a time, in a small village, a poor farmer managed to save enough money to buy a well from a rich man. The farmer needed the well to water his dry fields, so he eagerly paid the rich man the agreed amount. The next day, he went to the well with his bucket, ready to draw water and nourish his crops. But to his surprise, the rich man stopped him.


“You can’t take any water from this well,” said the rich man with a smirk. “You bought the well, not the water in it.”


The farmer was confused and upset. How could he use the well without the water? Desperate for a solution, he went to King Akbar’s court and explained his problem. Akbar, known for his wise judgments, asked his clever advisor, Birbal, to handle the case.

Birbal visited the rich man and listened to his explanation. After thinking for a moment, Birbal said, “Since you sold the well but not the water, you have two choices: either you remove all the water from the well, or you pay the farmer rent to keep the water in it.”


The rich man was taken aback. He realized that draining the well was impractical and costly. Faced with this dilemma, he decided to allow the farmer to use the water.

The farmer was relieved and grateful. He watered his fields, and soon his crops flourished. The rich man learned a valuable lesson about honesty and fairness.


Moral: If you try to deceive others, you may end up facing problems yourself.

1. वह किसान जिसने कुआं खरीदा

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब किसान ने किसी तरह से इतने पैसे बचाए कि वह एक अमीर आदमी से कुआं खरीद सके। किसान को अपने सूखे खेतों को पानी देने के लिए कुआं चाहिए था, इसलिए उसने अमीर आदमी को तय रकम दे दी। अगले दिन, वह अपनी बाल्टी लेकर कुएं पर गया, पानी भरने और अपनी फसलों को पानी देने के लिए। लेकिन उसे आश्चर्य हुआ कि अमीर आदमी ने उसे रोक दिया।


"आप इस कुएँ से पानी नहीं ले सकते," अमीर आदमी ने मुस्कुराते हुए कहा। "आपने कुआँ खरीदा है, उसमें मौजूद पानी नहीं।"


किसान उलझन में था और परेशान था। वह बिना पानी के कुएँ का उपयोग कैसे कर सकता था? समाधान की तलाश में वह राजा अकबर के दरबार में गया और अपनी समस्या बताई। अकबर, जो अपने बुद्धिमान निर्णयों के लिए जाने जाते थे, ने अपने चतुर सलाहकार बीरबल को मामले को संभालने के लिए कहा।

बीरबल उस अमीर आदमी के पास गया और उसकी बात सुनी। कुछ देर सोचने के बाद बीरबल ने कहा, “चूंकि तुमने कुआं तो बेच दिया है, लेकिन पानी नहीं बेचा है, इसलिए तुम्हारे पास दो विकल्प हैं: या तो तुम कुएं से सारा पानी निकाल दो, या फिर किसान को पानी रखने के लिए किराया दो।”


अमीर आदमी हैरान रह गया। उसे एहसास हुआ कि कुएं से पानी निकालना अव्यावहारिक और महंगा था। इस दुविधा का सामना करते हुए, उसने किसान को पानी इस्तेमाल करने की अनुमति देने का फैसला किया।

किसान को राहत मिली और वह आभारी था। उसने अपने खेतों में पानी डाला और जल्द ही उसकी फसलें लहलहा उठीं। अमीर आदमी ने ईमानदारी और निष्पक्षता के बारे में एक मूल्यवान सबक सीखा।


नैतिक शिक्षा: यदि आप दूसरों को धोखा देने की कोशिश करेंगे तो अंततः आपको स्वयं समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।



2. The Thief Who Robbed the Merchant

In a bustling town, a wealthy merchant came to Birbal with a serious problem. His house had been robbed, and he suspected one of his servants was the thief. Birbal, always eager to help, visited the merchant’s house to investigate. He gathered all the servants and told them, “I have a special way to find out who the thief is. Each of you will get a stick. The thief’s stick will grow 2 inches longer by tomorrow morning.”


The next morning, Birbal returned and asked the servants to hand over their sticks. He carefully measured each one. To everyone’s surprise, one stick was shorter than the others. The thief had trimmed his stick, expecting it to grow.


Birbal pointed out the guilty servant, and the merchant was shocked. The thief confessed, admitting that he had tried to outsmart Birbal but failed.


Moral: The truth always finds a way to come out, no matter how hard one tries to hide it.

2. चोर जिसने व्यापारी को लूटा

एक व्यस्त शहर में, एक अमीर व्यापारी एक गंभीर समस्या लेकर बीरबल के पास आया। उसके घर में चोरी हो गई थी, और उसे संदेह था कि उसका कोई नौकर चोर है। बीरबल, जो हमेशा मदद करने के लिए तत्पर रहते थे, जांच करने के लिए व्यापारी के घर गए। उन्होंने सभी नौकरों को इकट्ठा किया और उनसे कहा, "मेरे पास चोर का पता लगाने का एक खास तरीका है। आप में से हर एक को एक छड़ी मिलेगी। कल सुबह तक चोर की छड़ी 2 इंच लंबी हो जाएगी।"


अगली सुबह बीरबल वापस लौटे और नौकरों से अपनी-अपनी छड़ियाँ सौंपने को कहा। उन्होंने ध्यान से हर एक की नाप ली। सभी को आश्चर्य हुआ कि एक छड़ी बाकी की तुलना में छोटी थी। चोर ने अपनी छड़ी को इस उम्मीद में छोटा कर लिया था कि वह बड़ी हो जाएगी।


बीरबल ने दोषी नौकर की ओर इशारा किया, और व्यापारी चौंक गया। चोर ने कबूल किया कि उसने बीरबल को चकमा देने की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहा।


नैतिक शिक्षा: सत्य हमेशा सामने आने का रास्ता खोज ही लेता है, चाहे कोई उसे छिपाने की कितनी भी कोशिश क्यों न करे।

3. The Number of Crows in Akbar’s Kingdom

One sunny day, King Akbar and Birbal were strolling through the royal gardens. Akbar noticed the crows flying around and asked Birbal a curious question, “Birbal, can you tell me how many crows there are in our entire kingdom?”


Birbal thought for a moment and then confidently replied, “There are ninety thousand two hundred and forty-nine crows in the kingdom.”


Akbar was impressed but decided to test Birbal further. “What if there are more crows than you said?” he asked.


Birbal smiled and answered, “Then crows from the neighboring kingdoms must be visiting.”


Akbar nodded and asked, “And if there are fewer?”


Birbal replied, “Then the crows must have gone on a vacation to the neighboring kingdoms.”


Akbar laughed, appreciating Birbal’s cleverness. He realized that with a bit of imagination and wit, even difficult questions could have simple answers.


Moral: With creative thinking, you can find solutions to even the trickiest problems.


3. अकबर के राज्य में कौओं की संख्या

एक दिन, जब राजा अकबर और बीरबल शाही उद्यान में टहल रहे थे, अकबर ने कौवों को उड़ते हुए देखा और बीरबल से एक अजीब सवाल पूछा, "बीरबल, क्या तुम मुझे बता सकते हो कि हमारे पूरे राज्य में कितने कौवे हैं?"


बीरबल ने एक पल सोचा और फिर आत्मविश्वास से जवाब दिया, “राज्य में नब्बे हजार दो सौ उनचास कौवे हैं।”


अकबर प्रभावित हुए लेकिन उन्होंने बीरबल की परीक्षा लेने का फैसला किया। उन्होंने पूछा, “क्या होगा अगर कौओं की संख्या, तुम्हारे बताए गए से ज़्यादा हो जाए?”


बीरबल ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “तब तो पड़ोसी राज्यों से कौवे आते होंगे।”


अकबर ने सिर हिलाकर पूछा, “और अगर कम हो जाएं तो?”


बीरबल ने जवाब दिया, “तब तो कौवे पड़ोसी राज्यों में छुट्टियां मनाने गए होंगे।”


अकबर हंसे और बीरबल की चतुराई की सराहना की। उन्हें एहसास हुआ कि थोड़ी कल्पना और बुद्धि से मुश्किल सवालों के भी आसान जवाब मिल सकते हैं।


नैतिक: रचनात्मक सोच से आप सबसे कठिन समस्याओं का भी समाधान पा सकते हैं।



4. Akbar’s Stolen Ring

One day, King Akbar discovered that a precious ring, a gift from his father, was missing. Upset, he called upon Birbal to help find it. Birbal promised to solve the mystery and gathered all the courtiers in the throne room.


Birbal announced, “The person who stole the ring has a small piece of straw in his beard.”


As soon as the courtiers heard this, one of them, nervous and guilty, began to touch his beard, trying to find the straw. Birbal observed this and immediately pointed to him, saying, “This is the person who stole the ring.”


The guilty courtier, realizing he had been caught, confessed to the theft. Akbar was impressed by Birbal’s insight and the clever way he solved the case.


Moral: A guilty conscience can never hide its truth.

4. अकबर की चोरी हुई अंगूठी

एक दिन राजा अकबर को पता चला कि उनके पिता की ओर से उपहार में मिली एक कीमती अंगूठी गायब है। परेशान होकर उन्होंने उसे खोजने में मदद के लिए बीरबल को बुलाया। बीरबल ने रहस्य सुलझाने का वादा किया और सभी दरबारियों को सिंहासन कक्ष में इकट्ठा किया।


बीरबल ने घोषणा की, “जिस व्यक्ति ने अंगूठी चुराई है उसकी दाढ़ी में तिनके का एक छोटा सा टुकड़ा है।”


जैसे ही दरबारियों ने यह सुना, उनमें से एक घबराया हुआ और दोषी महसूस करते हुए अपनी दाढ़ी को छूने लगा, तिनका खोजने की कोशिश कर रहा था। बीरबल ने यह देखा और तुरंत उसकी ओर इशारा करते हुए कहा, "यह वह व्यक्ति है जिसने अंगूठी चुराई थी।"


दोषी दरबारी को एहसास हुआ कि वह पकड़ा गया है, इसलिए उसने चोरी कबूल कर ली। अकबर बीरबल की सूझबूझ और मामले को सुलझाने के चतुराई भरे तरीके से प्रभावित हुए।


नैतिक शिक्षा: दोषी अंतःकरण कभी भी अपना सत्य नहीं छिपा सकता।



5. The Pot Full of Wit

After being banished from the kingdom, Birbal started a new life as a farmer in a distant village. Akbar, missing Birbal’s cleverness, sent a decree throughout the kingdom. He announced that each village head must send him a pot full of wit. If they couldn’t, they should send a pot filled with gold and jewels instead.


The villagers were puzzled about how to fill a pot with wit. But Birbal, ever resourceful, came up with a clever idea. He took a pot and placed a small watermelon inside it. He watered the watermelon every day until it grew to fill the entire pot.


When Akbar received the pot, he found a note that read, “To find the wit, remove the watermelon without cutting it.” Akbar immediately recognized Birbal’s handiwork and went to fetch him back to the capital.


Moral: Clever thinking can solve even the most difficult challenges.

5. बुद्धि से भरा बर्तन

राज्य से निर्वासित होने के बाद, बीरबल ने दूर के गांव में किसान के रूप में एक नई ज़िंदगी शुरू की। अकबर, बीरबल की चतुराई से हैरान होकर पूरे राज्य में एक फरमान जारी किया। उसने घोषणा की कि प्रत्येक गांव के मुखिया को उसे बुद्धि से भरा एक बर्तन भेजना होगा। अगर वे ऐसा नहीं कर सकते, तो उन्हें इसके बदले सोने और जवाहरात से भरा एक बर्तन भेजना चाहिए।


गांव वाले इस बात को लेकर उलझन में थे कि बुद्धि से घड़ा कैसे भरा जाए। लेकिन बीरबल, जो हमेशा से ही साधन संपन्न थे, ने एक चतुर विचार निकाला। उन्होंने एक घड़ा लिया और उसके अंदर एक छोटा तरबूज रखा। उन्होंने हर दिन तरबूज को पानी दिया, जब तक कि वह बढ़कर पूरा घड़ा नहीं भर गया।


जब अकबर को बर्तन मिला, तो उसमें एक नोट मिला, जिस पर लिखा था, "बुद्धि को पहचानने के लिए, तरबूज को बिना काटे ही निकाल लें।" अकबर ने तुरंत बीरबल की करतूत को पहचान लिया और उसे राजधानी वापस लाने के लिए चल पड़े।


नैतिक शिक्षा: चतुराईपूर्ण सोच से सबसे कठिन चुनौतियों का भी समाधान किया जा सकता है।

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